
बहना ने भाईयों की कलाई पर प्यार बांधा हें। भाई बहन के अटूट रिश्ते का पर्व रक्षाबंधन उत्साह के साथ नगर में मनाया गया।
सामूहिक रूप से पूरे परिवार ने एक साथ एकत्रित होकर राखी का पर्व मनाया। बहन ने भाई को बुआ ने भतीजे को बांंधी रेशम की डोर।
खंडवा। श्रावण पूर्णिमा के दिन शहर में रक्षाबंधन का पर्व धर्म और संस्कृति के अनुरूप हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। भाई-बहन के स्नेह व विश्वास के प्रतीक इस त्यौहार पर बहनों ने अपने भाईयों की कलाई पर रक्षा सूत्र के रूप में रेशम की डोर बांधकर रिश्तों को मजबूत किया। रक्षा सूत्र बंधने के साथ ही भाईयों ने अपनी बहन की जीवन भर रक्षा करने का संकल्प लिया। समाजसेवी सुनील जैन ने बताया कि रक्षाबंधन पर शहर के साथ-साथ ग्रामीण अंचलों में भी राखी की धूूम रही। जहां ग्रामीण बहनों ने अपने किसान भाईयों की कलाई सजाई वहीं शहर में बहनों द्वारा अपने भाइयों को तिलक लगाते हुए उनकी आरती उतारकर उन्हें रक्षा सूत्र में पिरोया। शहर के सभी मंदिरों में भी देव राखियां चढ़ाई गई। पर्व को लेकर बस व रेलवे स्टेशन पर भी यात्रियों की भीड़ रही।
जो बहनें अपने भाईयों तक नहीं पहुंच पाई उन्होंने इंटरनेट के जरिये राखी को भाईयों तक पहुंचाया। भले ही भाई अपनी बहनों के पास न हो लेकिन इस हाईटेक प्रणाली ने बहनों के भाईयों के प्रति रिश्तों को और अधिक मजबूत किया है। छोटी बहनों द्वारा भाईयों के हाथों पर राखी बांधने के बाद वे खुशी से फूले नहीं समा रहे थे। आध्या उपाध्याय ने अपने छोटे भाई को कार्टून वाली राखी बांध खुशी जाहिर की। समाजसेवी सुनील जैन ने बताया कि वहीं गली मोहल्लों में भी बच्चे हाथों पर राखी बांधकर खुश नजर आए। अपनी बहन द्वारा बांधी गई राखी को अपने दोस्तों को दिखाते हुए बच्चों के चेहरों पर खुशी साफ झलक रही थी। रक्षाबंधन के दिन भी बस स्टेशन व रेलवे स्टेशन यात्रियों से खचाखच भरे थे। आवागमन के इन साधनों में जगह न मिलने के बाद भी यात्री खड़े होकर ही सफर कर अपने गंतव्य तक पहुंचे। रेलवे स्टेशन के टिकट घर व यात्री प्लेटफार्मों पर यात्रियों ने दिनभर अपनी ट्रेनों का इंतजार कर सफर तय किया।